पैसाको बोट्मा
मिहिनेतको बिऊ
पर्खाइ फल
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फुस्रै किसान
धान चरी रमायो
बाली भित्राइ
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बाघ करायो
बाख्रा पनि हरायो
मनैको संका
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व्यापारी भित्रै
मालामाल कमाइ
किसान रुझ्दै
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मह कटाइ
अरिंगालको गोल्म़ा
टोकाइ मात्र
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मिना बान्तवा " मृदु"
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