Sunday, May 23, 2010

'पाँच' ५ हाईकु+सेन्यू

पैसाको बोट्मा
मिहिनेतको बिऊ
पर्खाइ फल
--------------


फुस्रै किसान
धान चरी रमायो
बाली भित्राइ
--------------


बाघ करायो
बाख्रा पनि हरायो
मनैको संका
--------------


व्यापारी भित्रै
मालामाल कमाइ
किसान रुझ्दै
---------------


मह कटाइ
अरिंगालको गोल्म़ा
टोकाइ मात्र
---------------


मिना बान्तवा " मृदु"

No comments:

Post a Comment